
न्याय के लिये कानून का ज्ञान होना नितांत आवश्यक है : डॉ० एम जावेद
पिलखुवा। (फ़ॉक्सलेंन न्यूज़ ) मोनाड विश्वविद्यालय में मोनाड आईआईसी सेल व स्कूल ऑफ लॉ के संयुक्त तत्वाधान में संविधान दिवस के मौके पर संविधान जानो थीम पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत में विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति डॉ० एनके सिंह, कुलपति डॉ० एम० जावेद, उपकुलपति प्रो० योगेश पाल सिंह, उपकुलपति डॉ० जयदीप कुमार, उपकुलपति रोहित शर्मा एवं मुख्य वक्ता शिक्षाविद, लेखक एवं संविधानविद निपुन आलमबयन ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष द्वीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।


इस मौके पर मुख्य वक्ता निपुन आलमबयन ने संविधान की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुये कहा कि इस तरह के कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक साबित होते हैं। साथ ही उन्होंने याद दिलाया कि भारत के लिए आज का दिन काफी खास है। आज ही के दिन हमारे देश ने संविधान को अपनाया गया था। बाबा साहेब डॉ० भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में हमारा संविधान बना जिसके बाद इसे आज तक सर्वोपरि माना जाता है, इस बात को आज 76 साल हो गए हैं।

इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० एम० जावेद ने कहा कि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है। आज इस लोकतांत्रिक समाज में संविधान का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है क्योंकि संविधान में सभी को एक समान अधिकार प्रदान किये गये हैं तथा इस अधिकारों का ज्ञान होना नितांत आवश्यक है क्योंकि विना ज्ञान के न्याय पाना एक कल्पना मात्र है। इस मौके पर स्कूल ऑफ लॉ के संकायाध्यक्ष डॉ० अमित चौधरी ने सभी विद्यार्थियों को संविधान दिवस की बधाई देते हुये कहा कि आज का युवा वर्ग संविधान और अपने अधिकारों को जानने में रुचि ले रहा है।

सेमिनार में डायरेक्टर रिसर्च डॉ० पंकज कुमार सिंह, डॉ० प्रवीन चौहान, डॉ० अमित सिंह, बलराम पंवार, डॉ० अरविन्द कुमार, डॉ० मनीषा शर्मा, रूबी आदि शिक्षकों के साथ मीडिया प्रभारी विपुल चौधरी, स्वाति त्यागी एवं आशीष सागवान का विशेष योगदान रहा।


