
फ़ॉक्सलेंन न्यूज़। उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ क्षेत्रांगत पिलखुवा में रह रहे रेलवे कर्मचारी गजेंद्र यादव व उसके दो साथियों को एटीएस की टीम ने शुक्रवार को रंगे हाथों गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से 3.90 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किये। बताया जा रहा है कि किराए के मकान में बन रही इन जाली करेंसी की सप्लाई प्रदेश के कई जिलों में की जा रही थी।

जानकारी के मुताबिक गजेंद्र यादव, बुलंदशहर के गजौरी गांव निवासी है और पिलखुवा के लाखन रेलवे स्टेशन पर पॉइंट्समैन के पद पर कार्यरत था। उसके साथ पकड़े गए आरोपी सिद्धार्थ झा गाजीपुर, नई दिल्ली और विजय वीर चौधरी रसूलपुर, बुलंदशहर के रहने वाले थे। तीनों ने मिलकर नोट छापने, कागज का इंतजाम करने और सप्लाई करने की जिम्मेदारियां आपस में बांट रखी थीं। पिलखुवा के फरीदनगर-भोजपुर मार्ग स्थित दिनेश नगर की सोसायटी से तीनों आरोपियों को उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वे नकली नोटों की बड़ी खेप लेकर एक पार्टी को देने जा रहे थे। एटीएस की टीम को उनकी कार से 3.90 लाख रुपये की जाली करेंसी मिली। इसके अलावा एटीएस की टीम ने ₹500 के अर्धनिर्मित पांच नोट, छपाई के लिए प्रयोग होने वाले छह टेप रोल, दो सिक्योरिटी थ्रेड पेपर, दो लैपटॉप और तीन प्रिंटर भी जब्त किए हैं। इनके साथ एक लेमिनेशन मशीन, एक कटर ब्लेड और मेटल पेपर कटर भी मिला है। नोटों की छपाई में काम आने वाली चार इंक की बोतलें, एक सोना कोट स्याही, तीन डाई और दो स्प्रे भी बरामद की गईं। गैंग के पास से 103 सिक्योरिटी शीट, पांच मोबाइल फोन, दो पेन ड्राइव और एक कार भी जब्त की है।

पुलिस क्षेत्राधिकारी पिलखुवा अनीता चौहान ने बताया कि यह गैंग लंबे समय से सक्रिय था और इस गिरोह को रंगे हाथ पकड़ा गया है और आगे की जांच जारी है।
