पिलखुवा। (फ़ॉक्सलेन न्यूज़) एक तरफ केंद्र व प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण करने की बात करती है। दूसरी ओर पुलिस प्रशासन मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत महिलाओ व छात्रों को जागरूक कर उन्हें हेल्पलाइन नंम्बरो के अलावा परिस्थितियों पर कैसे काबू पाना है इन सब बातों से लगातार जागरूक कर रही है।

इतना ही नही पुलिस द्वारा स्कूलों की छुट्टी के दौरान एंटी रोमियों अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन महिलाओं की सुरक्षा के प्रति चलाये जा रहे अनेकों अभियान के बावजूद भी नगर में महिलाओं व छात्राओं से छेड़खानी की घटनाएं रुकने का नाम नही ले रही है यहां तक कि दुष्कर्म के मामले भी समय समय प्रकाश में आते रहे है। मिशन शक्ति अभियान का असर धरातल पर कोई खास असर देखने को नही मिल रहा है। प्रतिदिन दो से चार मामले प्रकाश में आते है जबकी छेड़खानी की घटनाएं आंकड़ो से कही ज्यादा हो रही है। सरकार अपने स्तर पर अभियान को प्रारंभ तो कर देती है लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्यवाही नही हो रही है।


आपको बता दें कि नगर के रेलवे रोड, राष्ट्रीय राजमार्ग, परतापुर रोड, रम्पुरा रोड पर कई स्कूल व कोलिज संचालित है जिनमे हजारो छात्र छात्राएं नगर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों से शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन आ रहे है। छात्र छात्राओं के प्रतिशत पर ध्यान दिया जाए तो दोनों ही लगभग बराबर की संख्या में है। जब छात्राए विद्यालय के लिए आती है तो उस समय गली, चौराहों पर खड़े शोहदों उनसे छेड़खानी या अभद्र टिप्पणी करने से बाज नही आ रहे है।

यही हाल विद्यालय से छुट्टी होने पर देखा जा रहा है। इसके अलावा नगर में आसपास के गाँव से आने वाली महिलाओं के साथ भी छेड़खानी की घटनाएं समय समय पर प्रकाश में आती रही है। तो वही नाबालिग व युवतियों को बहला व फुसलाकर घर से भगा ले जाने के मामलों की शिकायत भी पुलिस को मिलती रहती है। कुल मिलाकर हाथी के दांत खाने के ओर, दिखाने के ओर वाली कहावत सरकार पर बिल्कुल सटीक बैठ रही है।

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