
मस्तिष्क हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है: डॉ० जावेद
पिलखुवा। (फ़ॉक्सलेन न्यूज़) बुधवार को मोनाड विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ स्पोर्टस के तत्वाधान में आर्ट ऑफ लिविंग के परिप्रेक्ष्य में मानसिक स्वास्थ्य व ध्यान विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला का सफल समापन हुआ। इस कार्यशाला में शिक्षकों और छात्रों के साथ कर्मचारियों को विशेषज्ञ द्वारा ध्यान का अभ्यास कराया गया और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे पर विभिन्न जानकारी दी गई।


विशेषज्ञ ने बताया कि डिजिटल वर्ल्ड के साथ मल्टीटास्किंग के जमाने में हमें दस काम एक साथ करने की आदत हो गई। मन में दस विचार एक साथ नहीं आए तो हमें जीवन में कुछ कमी सी लगने लगती है। यही आदत हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ी परेशानी है। हम जब तक मन को नियंत्रित नहीं करेंगे तब तक हमारा वर्तमान और भविष्य दोनों बेहतर नहीं हो सकते हैं। विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति डॉ० एनके सिंह, कुलपति डॉ० मोहम्मद जावेद, उपकुलपति एवं कुलसचिव कर्नल डीपी सिंह, उपकुलपति योगेश पाल सिंह, उपकुलपति डॉ० जयदीप कुमार एवं उपकुलपति रोहित शर्मा ने अपने विचार रखें।

कुलपति डॉ० मोहम्मद जावेद ने कहा कि अपने लिए समय निकालना भी सेल्फ केयर का अटूट हिस्सा है। उन्होंने बताया कि अगर हम मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं, तो यह हमारे काम से लेकर हमारे रिश्तों पर भी असर डालता है। फिर भी लोग अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देते हैं। मस्तिष्क हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, इससे ही हमारा पूरा शरीर नियन्त्रित होता है। कार्यक्रम में डॉ० उमेश दीक्षित, डॉ० गणेश शंकर, डॉ० कविता रानी, डॉ० नेहा शर्मा, ममतेश सोलंकी, डॉ० विनीता शर्मा, डॉ० अमान अहमद, डॉ० ज्योति चौधरी, डॉ० मुकेश कुमार आदि शिक्षकों के साथ बड़ी संख्या में छात्र व छात्रायें भी मौजूद रहे।

