पिलखुवा। (फ़ॉक्सलेंन न्यूज़) जनपद क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण के चलते बच्चों की सेहत के दृष्टिगत जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा द्वारा अग्रिम आदेशो तक स्कूलों को बंद करने निर्देश जारी किए गए थे। लेकिन डीएम द्वारा बंद करने के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए मंगलवार व बुधवार को नगर के अधिकांश स्कूूल खुले रहे। जिसके चलते छोटे छोटे बच्चों को प्रदूषित वातावरण में स्कूल आने जाने पर मजबूर होना पड़ा। स्कूल प्रबंधको की मनमर्जी से बच्चों के परिजनों में रोष व्याप्त है।

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आपको बता दें कि एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण सरकार ने ग्रेप-4 लागू कर दिया है। डीएम प्ररेणा शर्मा के निर्देशों के तहत स्कूलों को बंद करने का आदेश सोमवार की रात को जारी कर दिया गया था। जिसके बाद डीएम के आदेश पर बीएसए और डीआईओएस ने मंगलवार व बुधवार की छुट्टी घोषित कर दी थी। और अग्रिम आदेशों तक स्कूलो को बंद रखने के आदेश जारी किए गए लेकिन नगर में अधिकांश स्कूल संचालकों ने आदेश की अवहेलना करते हुए मंगलवार व बुधवार को स्कूल को खोले रखा।

स्कूल संचालकों की मनमर्जी के चलते जहरीली हवा में बच्चे पढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

 कई अभिभावकों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर आरोप लगाया कि डीएम के आदेश होने के बाद भी स्कूलों की छुट्टी नहीं की जा सकी है। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों के टेस्ट की आड़ लेकर डीएम के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए बच्चों की सेहत से खुले तौर पर खिलवाड़ किया जा रहा है।

वही जिलाधिकारी द्वारा बढ़ते प्रदूषण के चलते स्कूलों को बंद करने के आदेशों के बावजूद बुधवार को पिलखुवा में खुले स्कूलों में बच्चों को आता जाता देख नगरवासियों में यह चर्चा का विषय रहा। लोगो का कहना है कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण हवा खतरनाक बन चुकी है। जिससे बच्चों की सेहत पर गंभीर खतरे मंडरा रहे है। स्कूलों को बंद रखने के आदेशों के बावजूद भी बच्चों को जहरीली हवा में पढ़ाई के लिए मजबूर किया जा रहा है।

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