फ़ॉक्सलेंन न्यूज़।
इस्लाम में पवित्र माना जाने वाले ईद-उल-अजहा का पर्व करीब आ रहा है। इसे ईद उल-जुहा, बकरीद या कुर्बानी का पर्व भी कहा जाता है। बकरीद का पर्व इस्लामी महीने जुल-हिज्जा के 10वें दिन मनाया जाता है। चूंकि, इस्लामी कैलेंडर चंद्रमा के आधार पर चलता है, ऐसे में नए चांद का दिखना मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। यह जुल-हिज्जा की शुरुआत का प्रतीक है, जो त्योहार की सटीक तारीख निर्धारित करता है। इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल मक्का और मदीना को रखने वाले खाड़ी देश सऊदी अरब में 27 जून को अर्द्धचंद्राकार चांद के दिखने का अनुमान है।


रविवार को जारी एक बयान में सऊदी सुप्रीम कोर्ट ने आकाश पर नजर रखने वालों से मंगलवार रात को चांद की तलाश करने और दिखाई देने पर निकटतम कोर्ट को इसकी रिपोर्ट करने को कहा है। चांद दिखाई देने के बाद ईद-उल-अजहा की तारीख की घोषणा की जाएगी। क्योंकि बकरीद का त्योहार चांद दिखने के ऊपर निर्भर करता है।


अगर चांद दिखाई देता है तो बुधवार 28 मई को जुल-हज्जा महीने की शुरुआत होगी। इसके बाद 5 जून को अराफात का दिन होगा और ठीक दसवें दिन 6 जून को ईद-उल-अजहा का पर्व मनाया जाएगा। सऊदी अरब में 6 जून को ही इसके मनाए जाने की उम्मीद है। हालांकि, अंतिम घोषणा चांद दिखाई देने के बाद होगी।

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