मुरादाबाद। (फ़ॉक्सलेन न्यूज़) मुरादाबाद-गाजियाबाद रेलखंड को स्मार्ट बनाने का काम तेजी से चल रहा है। पहले चरण में गाजियाबाद-हापुड़ सेक्शन में ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग (एबीएस) का काम पूरा किया गया है। यहां इस सप्ताह ट्रेन का ट्रॉयल करने की तैयारी है। 110 किमी के इस रेलखंड में हर किमी पर एक सिग्नल लगाया गया है। इससे ट्रैक पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने में आसानी होगी।

साथ ही ट्रेनों की गति और समयपालन में भी सुधार आएगा। फिलहाल एक स्टेशन से गाड़ी निकलने के बाद अगला सिग्नल दूसरे स्टेशन के आउटर पर मिलता है। यह दूरी 10-12 किलोमीटर से 20-25 किमी की होती है। अब तक चल रही व्यवस्था में यदि एक ट्रेन मुरादाबाद व दूसरी ट्रेन लोदीपुर स्टेशन पर खड़ी है तो मुरादाबाद वाली ट्रेन तब ही आगे बढ़ेगी जब लोदीपुर से दूसरी ट्रेन आगे निकल जाएगी।

हर किमी पर सिग्नल लगने के बाद ऐसा नहीं होगा। लोदीपुर स्टेशन से दूसरी ट्रेन के आगे बढ़ने से पहले ही मुरादाबाद वाली ट्रेन आगे बढ़ सकेगी। इस तरह हर किमी पर ड्राइवर को आगे के सिग्नल की जानकारी मिलती रहेगी। ऐसा ही ट्रायल गाजियाबाद-हापुड़ रेलखंड में होने जा रहा है। 1500 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट में गाजियाबाद-मुरादाबाद-रोजा तक ऑटोमैटिक सेक्शन बनाया जा रहा है।

इसके लिए जगह-जगह रेलवे ने नॉन इंटरलॉकिंग का काम भी पूरा कर लिया है। पहले चरण में मुरादाबाद-गाजियाबाद रेलखंड पर गाजियाबाद-हापुड़ के बीच कार्य चल रहा है। ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग में रोजा से लखनऊ के बीच डबल डिस्टैंड भी लगाए जा रहे हैं। इसमें होम सिग्नल से पहले दो अतिरिक्त सिग्नल होंगे, जो ट्रेन ड्राइवर को संकेत देंगे की रफ्तार कम करनी है या नहीं। यदि सिग्नल क्लियर है तो ड्राइवर को तीन किमी पहले ही ट्रेन की गति धीमी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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