
फ़ॉक्सलेंन न्यूज़। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के कटेरा थाना क्षेत्र में अवैध बालू खनन की कार्रवाई के दौरान बालू माफियाओं ने सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट (SDM) अजय यादव की टीम पर जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में SDM की सुरक्षा में तैनात गनर और होमगार्ड गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद SDM और उनकी टीम जान बचाकर मौके से भागने में सफल रही. पुलिस ने घायल गनर की तहरीर पर बालू माफियाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामला कटेरा थाना क्षेत्र का है, जहां SDM अजय यादव को अवैध बालू खनन की गुप्त सूचना मिली थी। इस सूचना के आधार पर SDM अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और अवैध रूप से बालू लादकर ले जा रहे एक ट्रैक्टर का पीछा किया। ट्रैक्टर चालक ने SDM की गाड़ी को देखकर भागने की कोशिश की, लेकिन जब टीम ने उसे रोकने का प्रयास किया, तो चालक ने अपने साथियों के साथ मिलकर SDM की टीम पर हमला बोल दिया। हमलावरों ने गनर और गार्ड पर लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से हमला किया, जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थिति बिगड़ती देख SDM और उनकी टीम को जान बचाकर मौके से भागना पड़ा।

हमलावर ट्रैक्टर समेत मौके से फरार हो गए। घटना की सूचना मिलते ही कटेरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घायल गनर और गार्ड को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। घायल गनर की तहरीर के आधार पर पुलिस ने ट्रैक्टर चालक और उसके साथियों के खिलाफ हत्या का प्रयास, सरकारी कार्य में बाधा डालने और मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है और क्षेत्र में छापेमारी की जा रही है। कटेरा थाना प्रभारी ने बताया, हमने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी है। जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई और तेज की जाएगी। यह पहला मौका नहीं है जब झांसी में बालू माफियाओं ने सरकारी अधिकारियों पर हमला किया हो। पहले भी कई बार अवैध खनन को रोकने की कोशिश कर रहे अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर हमले की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। क्षेत्र के बेतवा और केन नदियों के किनारे अवैध बालू खनन का कारोबार बड़े पैमाने पर फल-फूल रहा है, जिसे स्थानीय नेताओं और अधिकारियों की कथित मिलीभगत का समर्थन प्राप्त है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बालू माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे बिना किसी डर के खुले आम अवैध खनन और परिवहन कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
